नाद योग (Nada Yoga)

नाद योग (Nada Yoga) » Aadesh Guru

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नाद योग योग क्या है – What is Nada Yoga

नाद योग – ध्वनि से परम तत्व तक पहुँचने का योग

ध्वनि, मंत्र तथा भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रकृति की बात करते हुए, सदगुरु यहाँ समझा रहे हैं कि कैसे शास्त्रीय संगीत शरीर के चक्रों को सक्रिय करने के लिये एक माध्यम या साधन है। (Nada Yoga)

संगीत के आचार्यों के अनुसार आकाशस्थ अग्नि और मरुत् के संयोग से नाद की उत्पत्ति हुई है।

जहाँ प्राण (वायु) की स्थिति रहती है उसे ब्रह्मग्रंथि कहते हैं। संगीतदर्पण में लिखा है कि आत्मा के द्वरा प्रेरित होकर चित्त देहज अग्नि पर आघात करता है और अग्नि ब्रह्मग्रंधिकत प्राण को प्रेरित करती है। अग्नि द्वारा प्रेरित प्राण फिर ऊपर चढ़ने लगता है। नाभि में पहुँचकर वह अति सूक्ष्म हृदय में सूक्ष्म, गलदेश में पुष्ट, शीर्ष में अपुष्ट और मुख में कृत्रिम नाद उत्पन्न करता है। (Nada Yoga)

नाद योग के प्रकार (Type of Nada Yoga)

संगीत दामोदर में नाद तीन प्रकार का माना गया है—प्राणिभव, अप्राणिभव और उभयसंभव।

प्राणिभव

जो सुख आदि अंगों से उत्पन्न किया जाता है वह प्राणिभव,

अप्राणिभव

जो वीणा आदि से निकलता है वह अप्राणिभव

उभय-संभव

जो बाँसुरी से निकाला जाता है वह उभय-संभव है।

नाद के बिना गीत, स्वर, राग आदि कुछ भी संभव नहीं। ज्ञान भी उसके बिना नहीं हो सकता। अतः नाद परज्योति वा ब्रह्मरुप है और सारा जगत् नादात्मक है।

इस दृष्टि से नाद दो प्रकार का है। आहत और अनाहत।

आहत नाद

आहत का अर्थ वैसी ध्वनि से होता है, जिसे पैदा किया जाता है। जैसे – चलने की आवाज या किसी चीज के गिरने की आवाज।

अनाहत नाद

अनाहत नाद का अर्थ वैसी ध्वनि से होता है, जो एकाग्र होने पर सुनाई देती है। इसे नाद योग के अभ्यास के माध्यम से सुना जा सकता है। यह ध्वनि कानों से नहीं सुनी जा सकती, बल्कि इसे एकाग्र होकर महसूस किया जा सकता है। (Nada Yoga)

अनाहत नाद को केवल योगी ही सुन सकते हैं। इठयोग दीपिका में लिखा है कि जिनको तत्वबोध न हो सके वे नादोपासना करें। अँतस्थ नाद सुनने के लिये चाहिए कि एकाग्रचित होकर शांतिपूर्वक आसन जमाकर बैठे।

आँख, कान, नाक, मुँह सबका व्यापार बंद कर दे। अभ्यास की अवस्था में पहले तो मेघगर्जन, भेरी आदि की सी गंभीर ध्वनि सुनाई पडे़गी, फिर अभ्यास बढ़ जाने पर क्रमशः वह सूक्ष्म होती जायगी। इन नाना प्रकार की ध्वनियों में से जिसमें चित्त सबसे अधिक रमे उसी में रमावे। इस प्रकार करते करते नादरुपी ब्रह्म में चित्त लीन हो जायगा। (Nada Yoga)

इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च में नाद के चार रूपों को बताया गया है, जो निम्नलिखित हैं (2) :

  • पारा (Para) : यह एक प्रकार की आध्यात्मिक ध्वनि है, जिसे सर्वश्रेष्ट माना गया है। इसे उच्च चेतना की स्थिति में सुना जा सकता है।
  • पश्यन्ती (Pasyanti) :  यह बौद्धिक चेतना की ध्वनि है।
  • मध्यमा (Madhyama) : यह सांस से उत्पन्न होने वाली ध्वनि है।
  • वैखरी (Vaikhari) : यह एक ऐसी ध्वनि है, जो कान से सुनाई देने योग्य होती हैं।
What is Pulse
Nada Yoga

शुरुआती लोगों के लिए नाद योग करने की टिप्स – Beginner’s Tip to do Nada Yoga in Hindi

यहां हम कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जो पहली बार नाद योग का अभ्यास करने वालों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं :

  • नाद योग के लिए शांत जगह का ही चुनाव करें, इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
  • नाद योग के लिए केवल मधुर संगीत का ही चुनाव करें। (Nada Yoga)
  • शाम का वक्त (6 बजे) नाद योग करने का सही समय माना जाता है। (Nada Yoga)
  • नाद योग साधना के लिए आरामदायक कपड़े पहनें।
  • शुरुआत में 10 मिनट तक करें और इसके बाद धीरे-धीरे इसके समय को बढ़ा सकते हैं।

नाद योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Nada Yoga in Hindi

  • नाद योग साधना करने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी है। क्या हैं वो सावधानियां, यह हम आपको नीचे बता रहे हैं :
  • नाद योग के लिए उच्च स्वर वाले संगीत का प्रयोग न करें, इससे ध्यान लगाने में कठिनाई हो सकती है।
  • शोर-शराबे वाली जगहों पर भी नाद योग साधना नहीं करना चाहिए।
  • नाद योग करने से पहले समतल जगह का चुनाव करें। (Nada Yoga)
  • अगर किसी को कमर में दर्द की शिकायत है, तो वैसे लोगों को इस योग से परहेज करना चाहिए या फिर अगर वो इस योग को करते हैं, तो ज्यादा देर इसे न करें। (Nada Yoga)
  • इसके अलावा, जिनके घुटने में किसी प्रकार की सर्जरी हुई है, वैसे लोगों को भी इस योग से परहेज करना चाहिए।

नाद योग करने का तरीका – Steps to do Nada Yoga in Hindi

किसी भी योग को करने के लिए उसका सही तरीका पता होना चाहिए, तभी इसका लाभ मिल सकता है। इसलिए, नाद योग करने का तरीका भी जानना बेहद जरूरी है। तो चलिए, नाद योग के लाभ पाने के लिए जानते हैं कि इस योग को कैसे किया जाता है :

  • नाद योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले एक ऐसा स्थान चुनें, जो एकदम शांत हो।
  • फिर योग मैट बिछा लें और बैठ जाएं। इसके लिए चाहें, तो पैरों को क्रॉस कर बैठ सकते हैं या फिर सुखासन, पद्मासन या वज्रासन करने का तरीका भी अपना सकते हैं। (Nada Yoga)
  • इसके बाद एक निर्मल संगीत (वाद्य संगीत) बजाएं।
  • इस दौरान अपने हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें। (Nada Yoga)
  • अब आंखें बंद कर गहरी सांस भरे और उसे धीरे-धीरे छोड़ें।
  • इसके बाद संगीत की ओर अपना ध्यान केंद्रित करें। (Nada Yoga)
  • कोशिश करें कि इस दौरान संगीत के अलावा और किसी चीज पर ध्यान न जाए।
  • कम से कम 20 से 30 मिनट तक इसी तरह ध्यान लगाएं।
  • इसके बाद अपनी हथेलियों को रगड़ कर आंखों पर रखें।
  • अब धीरे-धीरे आंखें खोलें और अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

इस योग का अभ्यास रोजाना करें।

नाद योग किसे नहीं करना चाहिए?

नाद योग उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिनके घुटनों की सर्जरी हुई हो या फिर कमर में असहनीय दर्द की शिकायत हो।

हम कितनी बार नाद योग कर सकते हैं?

नाद योग को रोजाना एक बार (शाम 6 बजे) 20 मिनट के लिए किया जा सकता है।

क्या नाद योग एकाग्रता में सुधार कर सकता है?

हां, नाद योग एक प्रकार का ध्यान है, इससे एकाग्रता में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

क्या नाद योग मन को शांत कर सकता है?

जैसा कि हमने लेख में बताया कि नाद योग तनाव को कम कर सकता है (1)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि नाद योग मन को शांत करने में प्रभावी हो सकता है।

नाद योग के फायदे – Benefits of Nada Yoga in Hindi

इस ध्यान के सभी फायदों का वर्णन करना असंभव है परन्तु यहाँ हम इसके कुछ सांसारिक फायदे देखते हैं –

  • नाद योग ध्यान के अभ्यास से हमारे शारीर के नाड़ी तंत्र खुलने लगते हैं. उर्जा सभी तरफ प्रवाहित होने लगता है.
  • इसके अभ्यास से मन , मस्तिष्क और शारीर उर्जा से भर जाता है. (Nada Yoga)
  • शारीर और मन को शुद्ध करने में नाद योग बहुत सहायक होता है. (Nada Yoga)
  • पुरे शारीर के हर भाग में उर्जा प्रवाहित होने लगती है और हर भाग को जागृत कर देता है ये ध्यान.
  • इससे स्मृति भी बढ़ने लगती है. (Nada Yoga)
  • इससे व्यक्ति अपनी सुन्दरता को भी बढ़ा सकता है. 
  • नाद योग ध्यान  से इन्द्रियां सूक्ष्म होने लगती है और हम अपने अन्दर के सूक्ष्म संसार को भी जान सकते हैं.
  • इसके अभ्यास से साधक प्रसन्न रहने लगता है, शांति से रहने लगता है. (Nada Yoga)
  • इसके द्वारा कुंडलिनी शक्ति को भी जगा सकते हैं.

अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए  शुभ महुरत से इस नाद योग ध्यान  को करना शुरू करे.

टिप्पणी (Note)

इस पोस्टमे हमने विज्ञान भैरव तंत्र (Vigyan Bhairav Tantra), पतंजलि योग सूत्र, रामायण (Ramcharitmanas),  श्रीमद्‍भगवद्‍गीता (Shrimad Bhagvat Geeta)महाभारत (Mahabhart)वेद (Vedas)  आदी परसे बनाइ है । (Nada Yoga in hindi)

आपसे निवेदन है की आप योग करेनेसे पहेले उनके बारेमे जाण लेना बहुत आवशक है । आप भीरभी कोय गुरु या शास्त्रो को साथमे रखके योग करे हम नही चाहते आपका कुच बुरा हो । योगमे सावधानी नही बरतने पर आपको भारी नुकशान हो चकता है । (Nada Yoga in hindi)

इस पोस्ट केवल जानकरी के लिये है । योगके दरम्यान कोयभी नुकशान होगा तो हम जवबदार नही है । हमने तो मात्र आपको सही ज्ञान मिले ओर आप योग के बारेमे जान चके इस उदेशसे हम आपको जानकारी दे रहे है । (Nada Yoga in hindi)

इसेभी देखे – ॥ भारतीय सेना (Indian Force) ॥ पुरस्कार (Awards) ॥ इतिहास (History) ॥ युद्ध (War) ॥ भारत के स्वतंत्रता सेनानी (FREEDOM FIGHTERS OF INDIA) ॥ Nada Yoga in hindi॥ nada Yoga Benefits॥ nada yoga meditation॥ nada yoga in info॥ benefits Nada Yoga॥ (Nada Yoga in hindi) (nada yoga pdf) nada yoga exercises । nada yoga training online । nada yoga hindi ।

नाद योग योग क्या है

Nada Yoga

नाद योग – ध्वनि से परम तत्व तक पहुँचने का योग
ध्वनि, मंत्र तथा भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रकृति की बात करते हुए, सदगुरु यहाँ समझा रहे हैं कि कैसे शास्त्रीय संगीत शरीर के चक्रों को सक्रिय करने के लिये एक माध्यम या साधन है। (Nada Yoga)

नाद योग के प्रकार (Type of Nada Yoga)

What is Pulse

संगीत दामोदर में नाद तीन प्रकार का माना गया है—प्राणिभव, अप्राणिभव और उभयसंभव।
तः नाद परज्योति वा ब्रह्मरुप है और सारा जगत् नादात्मक है।
इस दृष्टि से नाद दो प्रकार का है। आहत और अनाहत। (Nada Yoga in hindi)
आहत नाद
आहत का अर्थ वैसी ध्वनि से होता है, जिसे पैदा किया जाता है। जैसे – चलने की आवाज या किसी चीज के गिरने की आवाज।
अनाहत नाद
अनाहत नाद का अर्थ वैसी ध्वनि से होता है, जो एकाग्र होने पर सुनाई देती है। इसे नाद योग के अभ्यास के माध्यम से सुना जा सकता है। यह ध्वनि कानों से नहीं सुनी जा सकती, बल्कि इसे एकाग्र होकर महसूस किया जा सकता है।
पारा (Para) : यह एक प्रकार की आध्यात्मिक ध्वनि है, जिसे सर्वश्रेष्ट माना गया है। इसे उच्च चेतना की स्थिति में सुना जा सकता है।
पश्यन्ती (Pasyanti) :  यह बौद्धिक चेतना की ध्वनि है।
मध्यमा (Madhyama) : यह सांस से उत्पन्न होने वाली ध्वनि है।
वैखरी (Vaikhari) : यह एक ऐसी ध्वनि है, जो कान से सुनाई देने योग्य होती हैं।

शुरुआती लोगों के लिए नाद योग करने की टिप्स – Beginner’s Tip to do Nada Yoga in Hindi

नाद योग के लिए शांत जगह का ही चुनाव करें, इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
नाद योग के लिए केवल मधुर संगीत का ही चुनाव करें।
शाम का वक्त (6 बजे) नाद योग करने का सही समय माना जाता है।
नाद योग साधना के लिए आरामदायक कपड़े पहनें।
शुरुआत में 10 मिनट तक करें और इसके बाद धीरे-धीरे इसके समय को बढ़ा सकते हैं।
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नाद योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Nada Yoga in Hindi

नाद योग साधना करने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी है। क्या हैं वो सावधानियां, यह हम आपको नीचे बता रहे हैं :
नाद योग के लिए उच्च स्वर वाले संगीत का प्रयोग न करें, इससे ध्यान लगाने में कठिनाई हो सकती है।
शोर-शराबे वाली जगहों पर भी नाद योग साधना नहीं करना चाहिए।
नाद योग करने से पहले समतल जगह का चुनाव करें। (Nada Yoga in hindi)
अगर किसी को कमर में दर्द की शिकायत है, तो वैसे लोगों को इस योग से परहेज करना चाहिए या फिर अगर वो इस योग को करते हैं, तो ज्यादा देर इसे न करें।

नाद योग करने का तरीका – Steps to do Nada Yoga in Hindi

नाद योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले एक ऐसा स्थान चुनें, जो एकदम शांत हो।
फिर योग मैट बिछा लें और बैठ जाएं। इसके लिए चाहें, तो पैरों को क्रॉस कर बैठ सकते हैं या फिर सुखासन, पद्मासन या वज्रासन करने का तरीका भी अपना सकते हैं।
इसके बाद एक निर्मल संगीत (वाद्य संगीत) बजाएं।
इस दौरान अपने हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें।
अब आंखें बंद कर गहरी सांस भरे और उसे धीरे-धीरे छोड़ें। (Nada Yoga in hindi)

नाद योग के फायदे – Benefits of Nada Yoga in Hindi

नाद योग ध्यान के अभ्यास से हमारे शारीर के नाड़ी तंत्र खुलने लगते हैं. उर्जा सभी तरफ प्रवाहित होने लगता है.
इसके अभ्यास से मन , मस्तिष्क और शारीर उर्जा से भर जाता है.
शारीर और मन को शुद्ध करने में नाद योग बहुत सहायक होता है.
पुरे शारीर के हर भाग में उर्जा प्रवाहित होने लगती है और हर भाग को जागृत कर देता है ये ध्यान.
इससे स्मृति भी बढ़ने लगती है. (Nada Yoga in hindi)
इससे व्यक्ति अपनी सुन्दरता को भी बढ़ा सकता है.