अपानवायु मुद्रा (Apana Vayu Mudra in Hindi)

Apana Vayu Mudra
Apana Vayu Mudra

अपानवायु मुद्रा (Apana Vayu Mudra in Hindi) मुद्रा क्या है :-

अपानवायु मुद्रा का दूसरा नाम मृत-संजीवनी मुद्रा है इसका सीधा संभंध ह्रदय से होता है। अपान वायु मुद्रा दो मुद्राओ से मिलकर बनी है एक है वायु मुद्रा जो पेट की बढ़ी हुई गैस को कम करने में हमारी सहायता करती है। और दूसरी है अपान मुद्रा जो की हमारे ह्रदय को सही रखती है। और यह मुद्रा पाचन शक्ति को भी बढाती है। इसलिए इसे ह्रदय मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। अचानक से आये हार्ट अटैक के समय इस मुद्रा को करने से रोगी की तुरंत लाभ होता है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

इस मुद्रा में दो मुद्राएं एक साथ लगाई जाती हैं – वायु मुद्रा और अपान मुद्रा। इसीलिए इसका यौगिक नाम है – अपान वायु मुद्रा। यह HEART ATTACK में अत्यन्त लाभकारी होने के कारण इसे मृत संजीवनी मुद्रा की संज्ञा भी दी गई है। यदि अपान वायु मुद्रा ही कहें तो इस मुद्रा की विधि स्मरण करना आसन हो जाता है – वायु मुद्रा + अपान मुद्रा।

वायु मुद्रा पीड़ानाशक है – स्वाभाविक PAIN KILLER , शरीर में कहीं भी पीड़ा हो , गैस की समस्या हो, वायु मुद्रा उसे ठीक करती है। अपान मुद्रा पाचन शक्ति एवं ह्रदय को मजबूत करती है। ANGINA PECTORIS ह्रदय की पीड़ा के लिए तो यह शक्तिशाली मुद्रा है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

अपान वायु मुद्रा करने के विधि :-

1- सबसे पहले आप जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएँ , ध्यान रहे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो।

2- अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें और हथेलियाँ आकाश की तरफ होनी चाहिये। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

3- अब अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगा दें तथा मध्यमा व अनामिका अंगुली के प्रथम पोर को अंगूठे के प्रथम पोर से स्पर्श कर हल्का दबाएँ और कनिष्ठिका अंगुली को सीधी रहने दें।

4- अपना ध्यान साँसों पर लगाकर अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के दौरान सांसों को सामान्य रखना है।

5- इस अवस्था में कम से कम 48 मिनट तक रहना चाहिये।

अपान वायु मुद्रा करने का समय व अवधि :-

इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय यह मुद्रा का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं। मुद्रा का अभ्यास प्रातः,दोपहर एवं सायंकाल को 16-16 मिनट के लिए किया जा सकता है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

अपान वायु मुद्रा से होने वाले लाभ :-

1. अपान वायु मुद्रा का ह्रदय पर विशेष प्रभाव पड़ता है। HEART ATTACK रोकने में एवं HEART ATTACK हो जाने पर भी यह मुद्रा तत्काल लाभ पहुँचती है। यह मुद्रा सोरबीटेट की गोली का कार्य करती है – दो तीन सेकंड के भीतर ही इस मुद्रा का लाभ आरम्भ हो जाता है। रोगी को चमत्कारिक राहत मिलती है। बढ़ी हुई वायु के कारण ही ह्रदय की रक्तवाहिनियाँ शुष्क होने लगती हैं – उनमें सिकुडन पैदा होने लगती है। ह्रदय में रक्त संचार कम हो जाता है वायु मुद्रा से ह्रदय की नालिकाओं की सिकुडन दूर होती है। और ह्रदय में रक्त संचार बढ़ जाता है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

2. ह्रदय शूल दूर होता है।

3. ह्रदय के सभी रोग दूर होते हैं।

4. उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप दोनों ही ठीक होते हैं। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

5. दिल की धड़कन बढ़ जाये या धीमी हो जाये – दोनों ही स्थितियों में दिल की धड़कन सामान्य करती है।

6. घबराहट व , स्नायु तंत्र के सभी रोगों में लाभकारी।

7. फेफड़ों को स्वस्थ बनाती है – अस्थमा में लाभकारी है।

8. वातरोगों में तुरंत लाभ – पेट की वायु , गैस , पेट दर्द , गुदा रोग , एसिडिटी , गैस से ह्रदय की जलन सभी ठीक होते हैं।

9. सिर दर्द , आधे सिर का दर्द ,सिर दर्द वास्तव में पेट की खराबी से ही होता है। सिर दर्द में इस मुद्रा का चमत्कारी लाभ होता है। अनिंद्रा अथवा अधिक परिश्रम से होने वाले रोग भी ठीक होते हैं।

10. घुटने के दर्द में आराम – सीढियां चढ़ने से पहले 5 से 7 मिनट अपान वायु मुद्रा लगाने से सीढियां चढ़ते हुए न साँस फूलेगा न ही घुटनों में दर्द होगा।

11. हिचकी आनी बंद हो जाती है । दांत दर्द में भी लाभदायक। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

12. आँखों का अकारण झपकना भी रुकता है। हमारी संस्कृति में स्त्रियों की दायीं आंख व पुरुषों की बायीं आँख का फड़कना अशुभ माना जाता है अपानवायु मुद्रा से इसमें लाभ मिलता है।

13. वात-पित्त-कफ तीनों दोषों को दूर करती है। रक्तसंचार प्रणाली , पाचन प्रणाली सभी को ठीक करती है।

14. शरीर एवं मन के सभी नकारात्मक दबाव दूर करती है। आचार्य केशवदेव जी के अनुसार इस मुद्रा के लगातार अभ्यास से सभी प्रकार के ह्रदय रोग होते हैं परन्तु मुद्रा के साथ अपने भोजन , दिनचर्या ,व्यायाम आदि पर ध्यान देना भी आवश्यक है। ह्रदय रोग में यह मुद्रा रामबाण है। एक प्रभावशाली इंजेक्शन से भी अधिक लाभदायक है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

15. भोजन करते समय यदि भोजन का कोई कण सांस की नली में चला जाता है तो सांस उखड़ने लगती है। एक-दो मिनट में ही सांस रुक कर मृत्यु हो सकती है । ऐसी आपात स्थिति में यह मुद्रा अत्यन्त कारगर है , तुरंत आराम मिलेगा ऐसा अनुभव स्वयं डा.रमेश पुरी का है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

16. ह्रदयघात होने पर 70 प्रतिशत लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही मर जाते हैं – ऐसा सुप्रसिद्ध ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा.के.के.अग्रवाल कहते हैं ह्रदय घात होने पर तुरंत मृतसंजीवनी मुद्रा लगा देने से मृत्यु से बचा जा सकता है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

अपान वायु मुद्रा के दौरान सावधानी :-

यह अपान वायु मुद्रा खाली पेट करनी चाहिए। इस मुद्रा को करते समय अपना ध्यान भटकना नहीं चाहिए। अपान वायु मुद्रा एक शक्तिशाली मुद्रा है इसमें एक साथ तीन तत्वों का मिलन अग्नि तत्व से होता है इसलिए इसे निश्चित समय से अधिक बिलकुल भी नही करना चाहिए और इस मुद्रा को दिन में दो बार 16-16 मिनट तक ही लगाएं। वज्रासन में बैठकर करने से ह्रदय रोग में बहुत जल्दी लाभ होता है। (Apana Vayu Mudra in Hindi)

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