प्राण मुद्रा (Prana Mudra in Hindi)
प्राण मुद्रा (Prana Mudra in Hindi) मुद्रा क्या है :- प्राण मुद्रा को प्राणशक्ति का केंद्र माना जाता है और इसको करने से प्राणशक्ति बढ़ती है। इस मुद्रा में छोटी अँगुली (कनिष्ठा) और अनामिका (सूर्य …
प्राण मुद्रा (Prana Mudra in Hindi) मुद्रा क्या है :- प्राण मुद्रा को प्राणशक्ति का केंद्र माना जाता है और इसको करने से प्राणशक्ति बढ़ती है। इस मुद्रा में छोटी अँगुली (कनिष्ठा) और अनामिका (सूर्य …
हठयोग (Hatha Yoga in Hindi) का अर्थ (Meaning of Hatha Yoga) योग के विविध आयामों में हठयोग का स्थान महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है की हठयोग और तंत्र विद्या का सम्बन्ध अधिक निकट का …
सहस्रार चक्र (Sahasrara Chakra in Hindi) क्या है :- यह चक्र सूर्य की भांति प्रकाश का विकिरण करता है इसलिए इसे हजार पंखुडिय़ों वाले कमल, ब्रह्म रन्ध्र या लक्ष किरणों का केन्द्र कहा जाता है। …
आज्ञा चक्र (Ajna Chakra in Hindi) क्या है :- आज्ञा चक्र मनुष्य के शरीर का छठा मूल चक्र है। आज्ञा का अर्थ होता है आदेश। आज्ञा चक्र मस्तिष्क के मध्य में, भौंहों के बीच स्थित …
विशुद्ध चक्र (Vishuddhi Chakra in Hindi) क्या है :- यह चक्र हमारे शरीर का पांचवा चक्र है। इसको दूसरी भाषा में हम गले का चक्र भी कह देते हैं। इसको english में throat chakra भी …
अनाहत चक्र (Anahata Chakra in Hindi) क्या है :- अनाहत चक्र का अर्थ होता है खुला हुआ अथवा अजेय। यह हमारे शरीर का चौथा मुख्य चक्र होता है। इस चक्र का सीधा सबंध प्रेम से …
मणिपुर-चक्र (Manipura Chakra in Hindi) क्या है :- मणिपुर-चक्र का दूसरा नाम नाभि चक्र है। मणिपुर चक्र का रंग पीला होता है। और यह चक्र तीसरे स्थान पर आता है। यह दो शब्दों से मिलकर …
स्वाधिष्ठान चक्र (Svadhisthana Chakra in Hindi) क्या है :- स्व + स्थान से मिलकर यह शब्द बना है जहाँ पर स्व का अर्थ होता है आत्मा , और स्थान का अर्थ होता है जगह। यह …
मूलाधार चक्र (Muladhara Chakra in Hindi) क्या है :- मूलाधार दो शब्दों से मिलकर बना है मूल + आधार। जहाँ पर मूल का अर्थ होता है जड़ और आधार का अर्थ होता है नीवं। मनुष्य …
नाड़ी (What is Pulse) शरीर के ऊर्जा-कोष में, जिसे प्राणमयकोष कहा जाता है, 72,000 नाड़ियां होती हैं। ये 72,000 नाड़ियां तीन मुख्य नाड़ियों- बाईं, दाहिनी और मध्य यानी इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना से निकलती हैं। …