सूर्य मुद्रा (Surya Mudra in Hindi)

Surya Mudra
Surya Mudra

सूर्य मुद्रा (Surya Mudra in Hindi) मुद्रा क्या है :-

सूर्य का अर्थ होता है अग्नि,  सूर्य मुद्रा को करने से हमारे भीतर के अग्नि तत्व संचालित होते हैं। सूर्य की अँगुली अनामिका को रिंग फिंगर भी कहते हैं। इस अँगुली का सीधा संबंध सूर्य और यूरेनस ग्रह से होता है। सूर्य ऊर्जा स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करती है और यूरेनस कामुकता, अंतर्ज्ञान और बदलाव का प्रतीक है। सूर्य को सेहत और उर्जा का प्रतीक माना जाता है। सूर्य मुद्रा को लोग अग्नि मुद्रा के नाम से भी जानते हैं।यह मुद्रा पृथ्वी मुद्रा के विपरीत है। यह मुद्रा सूर्य के गुणों का हमारे शरीर में विस्तार करती है तथा पृथ्वी तत्व की अधिकता को कम करती है।

सूर्य मुद्रा करने की विधि :-

1- सबसे पहले आप जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएँ , ध्यान रहे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो।

2- अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें और हथेलियाँ आकाश की तरफ होनी चाहिये।

3- अब सबसे पहले अनामिका उंगली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगा लें एवं उपर से अंगूठे से दबा लें।

4- अपना ध्यान श्वास पर लगाकर अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के दौरान श्वास को सामान्य रखना है।

5- इस मुद्रा को आप 10-15  मिनट तक करें। (Surya Mudra in Hindi)

सूर्य मुद्रा करने का समय व अवधि :-

इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय यह मुद्रा का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं। आप इसे सांयकाल सूर्यास्त से पूर्व भी कर सकते हैं सूर्य मुद्रा को प्रारंभ में 8 मिनट से प्रारंभ करके 24 मिनट तक कर सकते है।

सूर्य मुद्रा से होने वाले लाभ :-

1. जैसे की इस मुद्रा का नाम है ,यह हमें सूर्य की गरमी प्रदान करती है। ऊर्जा प्रदान करती है। हमें चुस्त बनाती है।

2. जो व्यक्ति सर्दी से परेशान रहते हैं , जिन्हें सर्दी बहुत लगती है , जिनके हाथ पैर ठण्डे रहते हैं , उन्हें इस मुद्रा का बहुत लाभ होगा। (Surya Mudra in Hindi)

3. सूर्य मुद्रा से शरीर का मोटापा ,थुलथुलापन ,भारीपन,स्थूलता समाप्त होती है। वजन कम होता है। मोटापे को कम करने के लिए दिन में दो -तीन बार 15-15 मिनट इस मुद्रा का अभ्यास करें।

4. मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है। यह मुद्रा बढ़ी हुई शंकरा को जला देती है। इससे मोटापा कम होने से मोटापा जनित रोग जैसे मधुमेह,कब्ज इत्यादि ठीक होते हैं। रक्त में यूरिया पर नियंत्रण होता है। यकृत के सभी रोग दूर होते हैं।

5. सूर्य मुद्रा से अग्नि तत्व बढ़ता है , शरीर में गरमी पैदा होती है। इससे कफ,प्लूरेसी,दमा,अस्थमा,सर्दी,जुकाम,निमोनिया,टी.वी. ,सायनस के रोग दूर होते हैं। सूर्य मुद्रा लगाने से 5-10 मिनट में ही सूर्य स्वर चालू हो जाता है। इसलिए ठंड के सभी रोगों में लाभदायक है। प्रात: उठने पर और रात सोते समय 15-15 मिनट सूर्य मुद्रा अवश्य करें।

6. इस मुद्रा द्वारा अनामिका उंगुली से हथेली में स्थित थायरायड ग्रन्थि के केन्द्र बिन्दु पर दवाब पड़ने से थायरायड के रोग दूर होते हैं। थायरायड ग्रन्थि के कम स्त्राव के कारण होने वाले सभी रोग जैसे-मोटापा इत्यादि भी दूर होते हैं।

7. सूर्य सम्पूर्ण विश्व को रोशनी देता है। सूर्य मुद्रा करने से नेत्र ज्योति बढती है और मोतियाबिन्द भी ठीक होता है।

8. इससे कोलेस्ट्रोल कम होता है। जब मोटापा कम होता है , वजन कम होता है , शरीर की चयापचय क्रिया ठीक होती है तो कोलेस्ट्रोल नियंत्रण में आ जाता है।

9. तीव्र सिर दर्द में इस मुद्रा से तुरंत आराम मिलता है।

10. इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति में अंतर्ज्ञान जाग्रत होता है।

11. इस मुद्रा के अभ्यास से मानसिक तनाव दूर हो जाता है।

12. इसका नियमित अभ्यास करने से पेट के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं।

13. शरीर की सूजन को भी यह मुद्रा दूर करती है।

14. इसको करने से बेचैनी और घबराहट दूर होती है। साथ ही साथ दिमाग भी स्थिर होने लगता है।

15. गर्भावस्था के बाद शरीर के वजन को घटाने के लिए आप रोज सूर्य मुद्रा करें।

16. Surya Mudra for Weight Loss भी है इस मुद्रा को नियमित करने से वजन कम और शरीर संतुलित हो जाता है।

17. यह मुद्रा पाचन प्रणाली को ठीक करती है।

18. वज्रासन लगाकर सूर्य मुद्रा में एक घंटा बैठने से लगभग 250 ग्राम वजन कम होता है।

सूर्य मुद्रा में बरती जाने वाली सावधानियां :-

करने से 5 मिनट पहले और 15 मिनट बाद इस मुद्रा को करने से मधुमेह और मोटापे  में बहुत जल्दी लाभ होता है। गर्मी के मौसम में इसे ज्यादा देर तक न करें। दुर्बल कमजोर व्यक्ति यह मुद्रा न करें। उच्च रक्तचाप वाले भी इसे कम ही करें। परन्तु निम्नरक्तचाप में बहुत लाभदायक है। शरीर में कमजोरी आने पर सूर्य मुद्रा नहीं करनी चाहिये। , गर्मियों में यह मुद्रा कम करनी चाहिये। अम्लपित्त और एसिडिटी की समस्या होने पर यह मुद्रा ना करें।

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