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हस्त मुद्राएँ / हस्त मुद्रा (Hasta Mudra In Hindi) क्या है :-
क्या आप जानते हैं कि आपके हाथों में एक सहज चिकित्सा शक्ति है जिसका उपयोग सदियों से विभिन्न बीमारियों को उपचार करने के लिए किया गया है ?
योग विज्ञान के अनुसार, मानव शरीर में पांच बुनियादी तत्व शामिल हैं – पंच तत्व। हाथ की पांच अंगुलियां शरीर में इन महत्वपूर्ण तत्वों से जुड़ी हुई हैं और इन मुद्राओं का अभ्यास करके आप अपने शरीर में इन 5 तत्वों को नियंत्रित कर सकते हैं।इन मुद्राओं को आपके शरीर के विभिन्न भागों में ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। (Hasta Mudra In Hindi)
पांच उंगलियां ब्रह्मांड के पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं
तर्जनी ऊँगली :- यह उंगली हवा के तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। ये उंगली आंतों gastro intestinal tract से जुडी होती है। अगर आप के पेट में दर्द है तो इस उंगली को हल्का सा रगड़े , दर्द गयब हो जायेगा।
छोटी उंगली ( कनिष्ठ ) :- यह जल तत्व का प्रतिनिधित्व करती है।
अंगूठा :- यह अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
अनामिका :- यह पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करती है।
बीच की उंगली (मध्यमा ) :- यह आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। यह हमारे शरीर में भक्ति और धैर्य से भावनाओं के रूपांतरण को नियंत्रित करती है। (Hasta Mudra In Hindi)
महत्वपूर्ण हस्त मुद्रायों के नाम :-
1- अग्नि मुद्रा – Agni Mudra in Hindi
2- अपान मुद्रा – Apana Mudra in Hindi
3- अपानवायु मुद्रा – Apana VayMudra in Hindi
4- शून्य मुद्रा – Shunya Mudra in Hindi
5- लिंग मुद्रा – Linga Mudra in Hindi
6- वायु मुद्रा – Vayu Mudra in Hindi
7- वरुण मुद्रा – Varuna Mudra in Hindi
8- सूर्य मुद्रा – Surya Mudra in Hindi
9- प्राण मुद्रा – Prana Mudra in Hindi
10- ज्ञान मुद्रा – Gyana Mudra in Hindi
11- पृथ्वी मुद्रा – Prithvi Mudra in Hindi
विशेष निर्देश
1. कुछ मुद्राएँ ऐसी हैं जिन्हें सामान्यत पूरे दिनभर में कम से कम 45 मिनट तक ही लगाने से लाभ मिलता है। इनको आवश्यकतानुसार अधिक समय के लिए भी किया जा सकता है। कोई भी मुद्रा लगातार 45 मिनट तक की जाए तो तत्व परिवर्तन हो जाता है। (Hasta Mudra In Hindi)
2. कुछ मुद्राएँ ऐसी हैं जिन्हें कम समय के लिए करना होता है-इनका वर्णन उन मुद्राओं के आलेख में किया गया है। (Hasta Mudra In Hindi)
3. कुछ मुद्राओं की समय सीमा 5-7 मिनट तक दी गयी है। इस समय सीमा में एक दो मिनट बढ़ जाने पर भी कोई हानी नहीं है। परन्तु ध्यान रहे की यदि किसी भी मुद्रा को अधिक समय तक लगाने से कोई कष्ट हो तो मुद्रा को तुरंत खोल दें। (Hasta Mudra In Hindi)
4. ज्ञान मुद्रा, प्राण मुद्रा, अपान मुद्रा काफी लम्बे समय तक की जा सकती है।
5. कुछ मुद्राएँ तुरंत प्रभाव डालती है जैसे- कान दर्द में शून्य मुद्रा, पेट दर्द में अपान मुद्रा/अपानवायु मुद्रा, एन्जायना में वायु मुद्रा/अपानवायु मुद्रा/ऐसी मुद्रा करते समय जब दर्द समाप्त हो जाए तो मुद्रा तुरंत खोल दें। (Hasta Mudra In Hindi)
6. लम्बी अविधि तक की जाने वाली मुद्राओं का अभ्यास रात्री को करना आसन हो जाता है। रात सोते समय मुद्रा बनाकर टेप बांध दें, और रात्री में जब कभी उठें तो टेप हटा दें। दिन में भी टेप लगाई जा सकती है क्यूंकि लगातार मुद्रा करने से जल्दी आराम मिलता है। (Hasta Mudra In Hindi)
7. वैसे तो अधिकतर मुद्राएँ चलते-फिरते, उठते-बैठते, बातें करते कभी भी कर सकते हैं, परन्तु यदि मुद्राओं का अभ्यास बैठकर, गहरे लम्बे स्वासों अथवा अनुलोम-विलोम के साथ किया जाए तो लाभ बहुत जल्दी हो जाता है। (Hasta Mudra In Hindi)
8. छोटे बच्चों, कमजोर व्यक्तियों व् अपत स्थिति उदहारण के लिए अस्थमा, अटैक, लकवा आदि में टेप लगाना ही अच्छा है।
9. दायें हाथ की मुद्रा शरीर के बायें भाग को और बाएं हाथ की मुद्रा शरीर के दायें भाग को प्रभावित करती है। जब शरीर के एक भाग का ही रोग हो तो एक हाथ से वांछित मुद्रा बनायें और दुरे हाथ से प्राण मुद्रा बना लें। प्राण मुद्रा हमारी जीवन शक्ति बढ़ाती है, और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। परन्तु सामान्यत कोई भी मुद्रा दोनों हाथों से एक साथ बनानी चाहिए।
10. भोजन करने के तुरंत बाद सामान्यतः कोई भी मुद्रा न लगाएं। परन्तु भोजन करने के बाद सूर्य मुद्रा लगा सकते हैं। केवल आपात स्थिति में ही भोजन के तुरंत बाद मुद्रा बना सकते हैं जैसे-कान दर्द, पेट दर्द, उल्टी आना, अस्थमा अटैक होना इत्यादि।
11. यदि एक साथ दो तीन मुद्रायों की आवश्यकता हो और समय का आभाव हो तो एक साथ दो मुद्राएँ भी लगाई सकती हैं ।जैसे- सूर्य मुद्रा और वायु मुद्रा एक साथ लागएं अन्यथा एक हाथ से सूर्य मुद्रा और दुसरे हाथ से वायु मुद्रा भी बना सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में 15-15 मिनट बाद हाथ की मुद्राएँ बदल लें। (Hasta Mudra In Hindi)
12. एक मुद्रा करने के बाद दूसरी मुद्रा तुरंत लगा सकते हैं, परन्तु विपरीत मुद्रा न हो। (Hasta Mudra In Hindi)
हस्त मुद्रायों के लाभ :-
1- शरीर की सकारात्मक सोच का विकास करती है।
2- मस्तिष्क, हृदय और फेंफड़े स्वस्थ बनते हैं।
3- ब्रेन की शक्ति में बहुत विकास होता है।
4- इससे त्वचा चमकदार बनती है।
5- इसके नियमित अभ्यास से वात-पित्त एवं कफ की समस्या दूर हो जाती है।
6- सभी मानसिक रोगों जैसे पागलपन, चिडचिडापन, क्रोध, चंचलता, चिंता, भय, घबराहट, अनिद्रा रोग, डिप्रेशन में बहुत लाभ पहुंचता है।
7- वायु संबन्धी समस्त रोगों में लाभ होता है।
8- मोटापा घटाने में बहुत सहायक होता है।
9- ह्रदय रोग और आँख की रोशनी में फायदा करता है।
10- साथ ही यह प्राण शक्ति बढ़ाने वाला होता है।
11- कब्ज और पेशाब की समस्याओ में फायदा है।
12- इसको निरंतर अभ्यास करने से नींद अच्छी तरह से आने लगती है और साथ में आत्मविश्वास भी बढ़ता है। (Hasta Mudra In Hindi)
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